धराली आपदा का आज नौवां दिन है 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है लापता लोगों की दृढ़खोज में चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं यहां खीरगंगा का जलस्तर बढ़ने से संपर्क पुलिया बह गई है लापता लोगों की जीपीआर प्रणाली से खोजबीन के लिए बनाए गए गड्डों में पानी भर गया देहरादून से विशेषज्ञों की टीम भी आपदा क्षेत्र में अध्ययन के लिए नहीं जा सकी
आपदा में बही जेसीबी, प्रशासन से मदद की गुहार
भटवाड़ी ब्लॉक के अलेथ गांव निवासी यशपाल सिंह रावत की जेसीबी मशीन धराली आपदा की भेंट चढ़ गई। यशपाल ने बताया कि व ह बैंक से कर्ज लेकर जेसीबी मशीन लाए थे लेकिन वह आपदा में बह गई। वह चार अगस्त को अपने गांव चले गए थे, यदि वहां होते तो पता नहीं बच पाते या नहीं। जेसीबी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। अब उनके सामने दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर जेसीबी का मुआवजा देने की गुहार लगाई है।
मुखवा से धराली के मुख्य झूला पुल को बना खतरा
धराली आपदा के बाद मुखवा से धराली को जोड़ने वाले एक मात्र झूला पुल को भी खतरा बना है। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने पुल के निरीक्षण के बाद लोक निर्माण विभाग को पुल को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने पुल के निरीक्षण के बाद इसकी तुरंत मरम्मत की जरूरत बताई है। वहीं, पुल से एक-एक कर गुजरने की सलाह दी है। बताया गया है कि पुल बहुत पुराना है। पानी से इसका कटाव हुआ है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश शर्मा के मुताबिक पुल दबा हुआ है। उसकी विंड केबल टूट गई। इसके अलावा कुछ अन्य नुकसान हुआ है। विभाग की ओर से पुल को ठीक किया जाएगा।
मोबाइल लोकेशन से लापता लोगों का लगाया जाएगा पता
धराली आपदा में अब मोबाइल की लोकेशन से लापता लोगों का पता लगाया जाएगा। नंबर के आधार पर संबंधित के मूवमेंट को देखा जाएगा। इसके बाद उसकी जांच होगी। आपदा के बाद से ही नेपाल, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों से लोग अपनों की तलाश में धराली पहुंच रहे हैं। जो लापता लोगों के बारे में अलग-अलग दावे कर रहे हैं। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन के मुताबिक लापता लोगों की पुष्टि के लिए मोबाइल की लोकेशन देखी जाएगी। मोबाइल के टावर में सूचना रहती है। आपदा के दिन पांच अगस्त की सूचना को देखा जाएगा। अभी जो लोग अपनों के लापता होने का दावा कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से उसे दर्ज किया जा रहा है। उनकी ओर से अपने परिजनों का जो नंबर दिया गया है, उसके मूवमेंट को देखा जाएगा। मोबाइल नंबर के लिए दर्ज पते को भी देखा जाएगा। इसके बाद संबंधित जिलों से इसकी जांच कराई जाएगी। ठेकेदारों के रिकॉर्ड को देखने के साथ ही विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
हर्षिल घाटी में मौसम खराब
हर्षिल घाटी में मौसम खराब होने से आपदा राहत कार्यों का सामान लेकर जा रहा एमआई-17 हेलिकॉप्टर और चिनूक वापस चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वापस लौटे।
धराली में बिजली,पानी बहाल, नेट कनेक्टिविटी भी जल्द बहाल होने की उम्मीद
धराली में बिजली,पानी बहाल है। आज शाम तक नेट कनेक्टिविटी भी बहाल होने की उम्मीद है। कल डबरानी के पास ओएफसी लाइन कट होने के कारण नेटवर्क कनेक्टिविटी अवरुद्ध हुई थी। रोजमर्रा की सभी वस्तुओं और सामाग्रियों को प्रभावित परिवारों तक पहुंच चुकी है। सड़क मार्ग की बहाली तक रसद एवं अन्य सामाग्री धराली एवं अन्य प्रभावित क्षेत्रों के भंडार गृह में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर हेली से भी रसद एवं अन्य जरूरतमंद सामान धराली पहुंचाया जा रहा है। किसानों एवं बागवानों के नकदी फसल एवं सेब के नुकसान का आंकलन उद्यान,कृषि और राजस्व विभाग द्वारा किया जा चुका है। धराली में क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग को सुचारू करने का प्रयास जारी है। उधर हर्षिल गाड़ में जमा मलबा हटाने के बाद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सोनगाड़ तक सुचारू हो जाएगा। सोनगाड़ में जगह-जगह लगभग 400 मीटर सड़क मार्ग का हिस्सा पूर्ण रूप से ध्वस्त है। हालांकि वर्तमान में गंगोत्री से धराली एवं हर्षिल से सोनगाड़ तक यातायात ट्रांशिप के माध्यम से सुचारू है। सोनगाड़ से डबरानी तक करीब 2 किमी पैदल मार्ग है। उसके बाद वहां से उत्तरकाशी के लिए सड़क मार्ग सुचारू है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य आपदा प्रभावित क्षेत्र धराली पहुंचे
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य आपदा प्रभावित क्षेत्र धराली पहुंचे। घटना के बाद से ही जिलाधिकारी आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्वंय उपस्थित रहकर सर्च एवं रेस्क्यू अभियान और राहत सहायता के वितरण से लेकर आधारभूत संरचनाओं को पटरी में लाने के लिए स्वंय सतर्कता से मॉनिटरिंग कर रहे है। धराली में सर्च एवं रेस्क्यू तीव्र गति से संचालित है। प्रभावित परिवारों को सहायता राशि समय से प्रदान करने, रसद एवं जरूरतमंद सामान प्रभावित परिवारों को त्वरित मुहैया कराने और सड़क मार्ग की बहाली का प्रयास किया जा रहा है।
रडार, ड्रोन व अन्य साधनों से किया टीम ने निरीक्षण
एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और निम संस्थान के अधिकारियों को शामिल करते हुए एक एमआरटी का गठन किया गया था। यह टीम मंगलवार को मौसम साफ होते ही हिमगंगा के उद्गम स्थल पर हिमनद झील के आकलन के लिए पहुंची थी। टीम ने वहां पर रडार, ड्रोन व अन्य साधनों से निरीक्षण किया है। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही यह रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इससे पहले भी एसडीआरएफ ने हिमगंगा की धारा का ड्रोन से सर्वे किया था। इसकी रिपोर्ट भी विभिन्न संस्थानों के साथ साझा की गई
खीरगंगा के उद्गम स्थल पर हिमनद झील का एमआरटी ने किया आकलन
खीरगंगा के उद्गम स्थल में हिमनद झील का मंगलवार को माउंटेन रेस्क्यू टीम (एमआरटी) ने आकलन किया है। टीम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और निम संस्थान के अधिकारी शामिल थे। यह टीम संयुक्त निरीक्षण के बाद धराली लौट आई है। टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगी।
भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान, बाढ़ का खतरा
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले पांच दिनों में प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रदेश सरकार भी चौकन्नी हो गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों को जारी एडवाइजरी में उन्हें हर स्तर पर तत्परता और सुरक्षा बनाने को कहा गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। इन सभी जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार को राज्य के बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिलों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना के लिए रेड अलर्ट जारी हुआ है। 14 अगस्त को भी बागेश्वर, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में अत्यधिक बारिश होने की संभावना है। 15 अगस्त को भी मानसून के ऐसे ही तल्ख तेवर बरकरार रहने का अनुमान है। इस दिन देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। 16 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर व चंपावत जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
खोजबीन और बचाव कार्य जारी
आईजी एसडीआरएफ की अध्यक्षता में खोजबीन और बचाव कार्य जारी रहा। खीरगंगा का जल स्तर बढ़ने से टीमों के आवागमन के लिए पुलिया बनाई गई थी, वह बह गई थी, उसे दोबारा बनाया गया है। इसके अलावा गड्ढे खोज के लिए बनाए गए थे उनमें भरे पानी को खाली करने के साथ एसएआर ऑपरेशन शुरू किया गया। बता दें कि आपदा में घायल हुए दो लोग सेना अस्पताल व एक जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी और एक एम्स ऋषिकेश में भर्ती है।
ख्रराब मौसम, हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू नहीं
खराब मौसम के कारण उत्तरकाशी के मातली हेलीपैड से आपदा प्रभावित क्षेत्रों धराली और हर्षिल तक हेलिकॉप्टरों से रेस्क्यू रोक दिया गया है।
धराली-मुखबा झूला ब्रिज के बेस को मजबूत करने का काम करेगा लोनिवि
धराली-मुखबा का मुख्य झूला पुल की बुनियाद को मजबूत करने का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। आर्मी इंजीनियर, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने झूला पुल का निरीक्षण भी किया है। इसमें पुल की तत्काल मरम्मत की जरूरत बताई गई है। वर्तमान में सुरक्षित रहते हुए एक-एक कर पार करने की सलाह दी गई है।
भागीरथी में बनी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग ने नौ एई, जेई के साथ श्रमिकों की टीम भेजी है। यूजेवीएनएल की टीम भी पहुंची हुई है। मंगलवार को टीमों ने झील में चैनेलाइजेशन करने और फंसी हुई लकड़ी को काटकर हटाने का काम शुरू कर दिया है। सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि टीम मैन्युअली काम कर रही है लेकिन चुनौती बड़ी है। प्रयास है कि जो झील का मुहाना है उसे चौड़ा कर दिया जाए, जिससे की पानी की निकासी बढ़ सके। टीमों की सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ दो बोट के साथ हर्षिल झील में काम करने के लिए पहुंच गई है।
हर्षिल घाटी में मौसम खराब, राहत सामग्री लेकर जा रहे हेलिकॉप्टर वापस लौटे
उत्तरकाशी जिले के धराली आपदा में प्रशासन ने 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि कर दी है। इसमें नेपाल मूल के 25 मजदूर भी शामिल हैं। आपदा के आठवें दिन मंगलवार को बचाव व राहत कार्य जारी रहा। लेकिन संचार सेवा बाधित होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पाया।
खीर गंगा का जल स्तर बढ़ने से बचाव व राहत कार्यों में लगीं टीमों के आवागमन के लिए बनाई गई संपर्क पुलिया बह गई। जिससे कुछ समय के लिए आवाजाही बाधित रही। इसके अलावा लापता लोगों की जीपीआर प्रणाली से खोजबीन के लिए बनाए गए गड्ढों में पानी भर गया। देहरादून से विशेषज्ञों की टीम भी आपदा क्षेत्र में अध्ययन के लिए नहीं जा सकी। इसके अलावा हर्षिल में भागीरथी में बनी झील भी चुनौती बनी हुई है, इससे पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग, यूजेवीएनएल ने मैन्युअली काम शुरू किया है, पर यह आसान नहीं लग रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने सूची जारी की है, जिलके अनुसार धराली आपदा में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई और 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, इनमें 25 नेपाल मूल के मजदूर भी हैं। प्रशासन ने सोमवार को आपदा में 42 लोगों के लापता होने और एक व्यक्ति की मृत्यु होने की बात कही थी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि नेपाल के श्रमिकों के नाम को लेकर कुछ दिक्कत थी, उसके दूर होने के बाद सूची बन गई है।