हरिद्वार रोड पर स्थित शास्त्रीनगर कॉलोनी की सड़के डेढ़ साल से खुदी हुई है सड़कों की स्थिति यह है की पैदल चलने वाले लोग भी परेशान हो रहे हैं यहां की परेशानी सिर्फ खराब सड़क की नहीं है कहीं स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है लावारिस कुत्तों की समस्या अलग है स्थिति यह है कि उनके डर से मॉर्निंग वॉक पर निकलने से भी लोग डर रहे हैं फिलहाल शास्त्रीनगर वालों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है नगर निगम ने तो जैसे कॉलोनी की तरफ आंखें बंद कर ली हो कॉलोनी में शामिल शास्त्री नगर को सिस्टम ने खराब कर रख दिया है यहां की सड़के खोद खोद कर खराब कर दी है और अब कोई देखने तक नहीं आ रहा है इन सड़कों पर वाहनों का निकलना और पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है बुजुर्ग बच्चे और महिलाएं तो सबसे ज्यादा परेशान है स्थानीय लोग नगर निगम के स्तर से सुविधा नहीं मिलने की भी शिकायत कर रहे हैं उनका कहना है कि यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही चुनाव के बाद नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक भी हो चुकी है लेकिन शास्त्रीनगर की हालत सुधारने की दिशा में कोई काम शुरू नहीं हो पाया यहां पर लावारिस कुत्तों का आतंक है कई बार इसको लेकर शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान तो दूर की बात नगर निगम की तरफ से जवाब तक नहीं मिलता कहीं स्ट्रीट लाइट खराब है एक-एक को ठीक करने के लिए कहीं दिनों तक इंतजार करना पड़ता जब स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान नहीं होता तो फिर सीएम पोर्टल पर शिकायत करनी पड़ती तब जाकर यहां कुछ काम हो पता स्थानीय लोग कॉलोनी में नियमित सफाई नहीं होने की समस्या को भी रखते हैं उनका कहना है कि नगर निगम की ओर से यहां सफाई के ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं और स्थानीय लोग अपने घरों के बाहर तो साफ सफाई कर लेते हैं इसके बावजूद कहीं स्थान पर कूड़े की समस्या है इसको लेकर भी ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां पर सफाई कर्मचारी बहुत दिनों बाद आते हैं इसके बाद वह सफाई करके कचरे को खाली प्लाटों में डालकर चले जाते हैं इससे खाली प्लाटो में गंदगी होने लगती है कर्मचारियों को कचरा डालने को मना किया जाए तो वह निवासियों से ही कचरा डालने के लिए ही कहने लगते हैं कचरे को लेकर लोगों और सफाई कर्मचारियों के बीच कई बार कहासुनी भी हो जाती है लोगों का कहना है कि जिस दिन सफाई करने आए अपने साथ कचरा उठाने के लिए गाड़ी भी ले आए कचरे को गाड़ी में डालकर ले जाएं और वह लोग यहीं पर कचरा छोड़ जाने से वह यही फैल जाता है लोगों का कहना है की नगर निगम वालों को व्यवस्था सुधारनी चाहिए
1.डेढ़ साल से सोसायटी की सड़क खराब है।
2. मुख्य गेट पर जाम की समस्या बनी रहती है।
3. कॉलोनी में बिजली के पोल सही हालत में नहीं है, जिससे आए दिन खतरा बना रहता है।
4. लावारिस कुत्तों का आतंक बहुत हो गया है।
5. कॉलोनी में अतिक्रमण बहुत बढ़ रहा है।
कॉलोनी के मुख्य गेट पर लगता है जाम
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि कॉलोनी के मुख्य गेट पर हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है। इससे कॉलोनी वासियों को कॉलोनी से बाहर निकलने में बहुत परेशानी होती है। यहां पर कई बार लोग सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। गेट के बाहर ही यूटर्न है इस वजह से यह समस्या बनी रहती है। इसके लिए यहां पर ट्रैफिक लाइट की व्यावस्था होनी चाहिए। साथ ही यहां पर पूरे दिनभर पुलिस की तैनाती होनी चाहिए। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी।
लावारिस कुत्तों से कॉलोनी के लोग परेशान
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि यहां पर लावारिस कुत्तों का आतंक बहुत ज्यादा है। लोगों ने कुत्तों के डर से सुबह-शाम वॉक पर जाना छोड़ दिया है। कोई जाता भी है तो हमेशा अपने साथ एक डंडा लेकर चलते हैं। इसके बावजूद कुत्ते कई बार लोगों को काट चुके हैं। कई लोगों को कुत्ते से काटे जाने की समस्या सामने आ चुकी है। इसके लिए नगर निगम को कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन परेशानी का हल अभी तक नहीं निकल पाया है।
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि कॉलोनी की सड़कें ज्यादा चौड़ी नहीं हैं। वहीं नए घर जो कॉलोनी में बने हैं उन्होंने अपने घरों के बाहर रैंप निकाले हैं। यह रैंप सीधा सड़कों पर जाते हैं। इस वजह से सड़क किनारे लोगों की चलने की जगह नहीं बचती है। वहीं रैंप की वजह से सड़क की चौड़ाई बहुत कम हो चुकी है। इसकी शिकायत करने के बाद यहां पर निगम के लागों ने निरीक्षण कर वीडियोग्राफी भी की है । उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
सफाई कर्मचारियों पर लगाए दुर्व्यहार के आरोप
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि यहां पर सफाई कर्मचारी सही से काम नहीं करते हैं। सफाई कर्मचारी सड़कों से कचरा इकट्ठा कर खाली प्लॉटो में डाल कर चले जाते हैं। मना करने पर निवासियों से ही कूड़े निस्तारण के लिए पूछने लगते हैं। साथ ही लोगों से दुर्व्यवहार भी करते है। उसको चाहिए कि कचरा उठाकर कूड़े को अपने साथ ले जाकर उसका निस्तारण किया जाए।
नगर निगम नहीं कर रहा कोई कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर लावारिस कुत्तों का आतंक बहुत है। कुत्तों को पकड़ने के लिए कई बार संबंधित विभागों में शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन अभी तक नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे यहां के निवासी बहुत परेशान है। कॉलोनी में ज्यादातर लोग बुजुर्ग हैं। लावारिस कुत्तों से उन्हें बहुत खतरा है। कुत्तों के काटने से कई बीमारी होने का डर लोगों में बना रहता है। इसको लेकर निगम वालों को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
नगर निगम के कामों से हर आदमी नाखुश है। निगम के द्वारा जितने भी काम होने चाहिए उन सभी कामों में लापरवाही बरती जा रही है। इसका खामियाजा कॉलोनी वासी भुगत रहे हैं।
कॉलोनी के गेट नं 1 पर जाम लगता है। लोगों का कॉलोनी से निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं। इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
सफाई व्यवस्था क्षेत्र में सही रूप से संचालित नहीं हो रही है। सफाई कर्मचारी कॉलोनी की सफाई कर कचरा सड़कों के किनारे छोड़ कर चले जाते हैं। इससे परेशानी होती है। -सुधीर थपलियाल
घरों ने जितना सड़क को घेरा हुआ है उसके लिए नगर निगम को शिकायत की जा चुकी है। नगर निगम की टीम ने यहां आकर घरों का निरीक्षण भी किया इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी है।
खराब सड़कों पर चलने में बहुत परेशानी होती है। साथ ही सड़कों पर धूल उड़ती रहती है। इससे बुजुर्गों को तकलीफ होती है। वृद्ध लोगों को चोट लगने का खतरा भी बना रहता है।
लावारिस कुत्तों से परेशान होकर कॉलोनी वासियों ने नगर निगम में कई बार शिकायत की है। इसके बाद भी लोगों को लावारिस कुत्तों से निजात नहीं मिल सकी है। -गजे सिंह रावत
कॉलोनी में कई जगह बिजली के पोल खराब हो चुके हैं। यह पोल कभी भी गिर सकते हैं। इनको लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है। पर अभी भी बदले नहीं गए।
पहले सड़के बनती हैं फिर गैस लाइन, पेयजल लाइन के लिए खोद दी जाती है। उसके बाद सड़क दोबारा नहीं बनती है। विभागों में आपसी तालमेल होना चाहिए। -विजय नेगी
घरों के निर्माण कार्य के चलते सात- आठ फीट सड़कें घेरी हुई हैं। सड़कों पर उन्होंने अपने रैंप बना रखे हैं। इससे सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। -कल्पना बहुगुणा
सड़कों की हालत इतनी बदहाल है कि यहां पर चलना मुश्किल हो जाता है। सड़कें खोद दी जाती हैं लेकिन उसको दोबारा बनाया नहीं जाता है। -ओम प्रकाश नौडियाल
लावारिस कुत्तों का बहुत आतंक है। कई बार लोगों को काट भी दिया है। आए दिन कुत्ते लोगों पर हमला कर रहे हैं। लोगों का रोड पर चलना भी मुश्कित हो गया है। -केसी सिंह बिष्ट
यहां पर सफाई कर्मचारी कब आते हैं, कब जाते हैं पता नहीं चलता है। इसके लिए निगम को कॉलोनी के अध्यक्ष से संपर्क कर उसे अवगत कराना चाहिए। -विजया पंत
सफाई के बाद कचरे का निस्तारण नहीं होता
राजीव पंत का कहना है कि यहां पर सफाई कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते हैं। शिकायत करने के बाद ही यहां पर सफाई कर्मचारी आते हैं। उसके बाद भी कचरे को सड़क किनारे या नालियों में डाल कर चले जाते हैं। इस वजह से नालियां भी चोक हो जाती हैं। इस वजह से लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। कचरा उठाने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे कॉलोनी का कचरा वहीं पड़ा रहता है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
- सफाई कर्मचारियों की जानकारी दी जाए
सीआर गोस्वामी ने बताया कि सफाई कर्मचारी कब आते हैं कब चले जाते हैं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं होती है। नगर निगम को दिन तय कर सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी चाहिए। साथ ही कर्मचारी का नाम, नंबर और किस दिन कर्मचारी आएगा उसकी जानकारी क्षेत्र के अध्यक्ष के साझा की जानी चाहिए। इस जानकारी को कॉलोनी का अध्यक्ष लोगों को अवगत करा देंगे। जिससे कॉलोनी की सफाई व्यवस्था में सुधार हो सके। लोगों को भी सफाई कर्मचारियों के सफाई करने की जानकारी होनी चाहिए।
नरेश प्रसाद रतूड़ी का कहना है कि कॉलोनी के तमाम काम नहीं हुए हैं। न कॉलोनी में नियमित सफाई होती है न यहां की खराब सड़कों को ठीक किया जाता है। हम लोग हाउस टैक्स देते तो हैं, हमे उस प्रकार की सुविधा भी दी जाए। निगम हाउस टैक्स जमा करने के लिए कैम्प लगाते हैं। लेकिन कभी भी लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए कोई कैंप नहीं लगाते। इसको लेकर नगर निगम को सुधार करना चाहिए। कॉलोनी की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के प्रयास किए जाने चाहिए। जिससे लोगों को परेशानी न हो।
करण एस रावत ने बताया कि यहां पर लोगों ने रैंप बनाकर सड़कों पर अतिक्रमण कर रखा है। सड़क किनारे चलने की जगह नहीं है। फुटपाथ तो जैसे कॉलोनी से गायब ही हो गया है। इसकी शिकायत की गई इस पर निगम की टीम ने आकर निरीक्षण किया और कोई कार्रवाई नहीं की। इन लोगों पर कार्रवाई कर चालान होने चाहिए। सड़क किनारे लोगों को चलने के लिए भी जगह नहीं छोड़ी गई है। रास्ते पर अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। नगर निगम को इस पर सख्ती करनी चाहिए।
मेयर सौरभ थपलियाल का कहना है कि नगर के सभी वार्डों में विकास कार्यों के लिए 35-35 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें सड़कों के काम भी हो सकते हैं। लावारिस कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है, उनको पकड़कर एक स्थान पर नहीं रख सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप कुछ रास्ता निकालने पर विचार किया जा रहा है, ताकि लोगों को समस्या से निजात मिल सके। नगर क्षेत्र की स्वच्छता को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है, इसके लिए काम किए जा रहे हैं। यदि कहीं कोई समस्या है तो उसे हल किया जाएगा।