हाल ही में विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट को लेकर की गई टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल आक्रोशित हो गए थे उन्होंने कहा था की क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था की पहाड़ी और देसी को लेकर टिप्पणियां की जाए क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ के लोगों के लिए ही बना है इस दौरान प्रेमचंद अग्रवाल के मुंह से अपशब्द भी निकल गया था मंत्री के इसी बयान को लेकर सूबे का सियासी तापमान बढ़ गया था। कांग्रेस और कुछ अन्य संगठनों ने उनको कैबिनेट से बाहर निकाले जाने की मांग करते हुए पूरे प्रदेश में जगह जगह प्रदर्शन किए थे। हालांकि बाद में मंत्री ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया था। बात यहां तक बढ़ गई थी कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि उत्तराखंड की एकता को भंग करने के प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे ऐसे लोग मंत्री, विधायक या सांसद क्यों ना हों
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक होली से पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली गए थे उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से इस मामले पर बातचीत की थी तभी से माना जा रहा था कि जल्द ही प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा लिया जा सकता है प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे और उनके पुतले फुके जा रहे थे उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने पद से इस्तीफा देते हुए भावुक हो गए उन्होंने कहा मेरे जैसे आंदोलनकारी की बात को जिस प्रकार से तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया इसको लेकर पूरे प्रदेश में जिस प्रकार माहौल बनाया गया इसको लेकर मुझे बड़ा दुख हुआ इसके साथ ही प्रेमचंद अग्रवाल रो पड़े और कहा प्रदेश को आगे बढ़ाने में मुझसे जो योगदान बन पड़ेगा देने को तैयार हूं और मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और कहा आज मुझे टारगेट किया जा रहा है जिसने उत्तराखंड के लिए योगदान दिया राज्य आंदोलन में लाठियां खाई और भावुक होकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा सौंप दिया,