राठ के होल्यारों ने होली के गीतों से पलायन का दर्द बताया तो छलक उठी महिलाओं की आंखें

पिछले तीन चार दिनों से पौड़ी के राठ क्षेत्र के होल्यारों ने देहरादून में घर-घर जाकर होली खेली होल्यार् होली के गीतों के बीच यह भी बता रहे हैं कि आप तो पहाड़ छोड़कर देहरादून आ गए लेकिन हम वहीं रह गए होली में हमें आपकी याद आई तो हम चले आए और यह भी कह रहे थे कि आपको अपनी बचपन के दिनों की याद नहीं आती पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ है पहाड़ में भी हर तरफ होली के गीत गूंज रहे हैं लेकिन इसी बीच एक होली सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है ठेठ पहाड़ के जुनूनी युवा पौड़ी से होली खेलने देहरादून आए होली के गीतों के माध्यम से पहाड़ में खाली घरों और पलायन की पीड़ा को गाते रहे देहरादून में रहे रही मातृ शक्ति को अपनी मैत्यों की बात इतना भावुक देती है कि उनकी आंखें छलक उठती है राठ के तीन पट्टीयों की ये होली सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रही है इसका इतना असर हुआ कि देहरादून से घर वापस लौटने के बावजूद इन लोगों से मिलने के लिए खुद पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें फोन किया है

होल्यार लोगो से अपील कर रहे थे कि भले ही आप बेहतर शिक्षा रोजगार के लिए शहरों में पलायन कर गए लेकिन समय-समय पर अपने गांव जरूर जाएं अपने घरों को संवारे ताकि हमारी सांस्कृतिक जड़े मजबूत बनी रहे ,होल्यार् टीम के सदस्य पंकज रावत,रेवाधर प्रसाद,धीरज नेगी प्रेम रावत ,संजय मुंडेपी ,लली भाई, गौरव नौटियाल, प्रियांशु नौटियाल, सचिन, अनिल ,पन्त, संतोष नौटियाल, योगेश, महावीर प्रसाद, प्रियांशु नेगी, अरविंद नेगी ,दीपक नेगी ,सुजल रावत, और प्रदीप बर्थवाल

इस बेहद अनोखी होली की चारों तरफ चर्चा हुई तो यह बात पुष्कर सिंह धामी तक भी पहुंच गई त्रिपट्टी होली टीम के ब्लॉगर पंकू पहाड़ी के मुताबिक उनकी टीम देहरादून में होली खेल कर सुबह पौड़ी के लिए रवाना हो गई पौड़ी में जमकर होली खेली गई जैसे ही वह अपने गांव के लिए रवाना हुए तो  रास्ते में उन्हें मुख्यमंत्री का फोन आ गया मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने के लिए सीएम आवास बुलाया इसके बाद वे फिर से देहरादून के लिए लौट गए

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