देहरादून: ED ने इस मामले की जांच सहसपुर थाने में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे में शुरू की थी देहरादून के सहसपुर जमीन घोटाले में परिवर्तन निदेशालय ED ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ शुक्रवार को स्पेशल पीएमएलएPAMALA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है इस चार्जशीट में हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत करीब वीरेंद्र सिंह कंडारी लक्ष्मी राणा और श्रीमती पुरणा देवी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है सहसपुर स्थित इस 101 बीघा जमीन को गत जनवरी में ED अटैच भी कर चुकी हैं ईडी ने इस मामले की जांच सहसपुर थाने में दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे में शुरू की थी ईडी की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि हरक सिंह रावत उनकी पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा ने वीरेंद्र सिंह कंडारी और स्वर्गीय सुशीला रानी ने साजिश के तहत कुछ जमीन अपने नाम पर पंजीकृत कराई थी बाद में इन्हें न्यायालय ने रद्द करने के आदेश भी दे दिए थे
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर इस जमीन की दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड करवाई थीं। बाद में हरक सिंह रावत के करीबी बिरेंद्र सिंह कंडारी ने पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के रूप में ये जमीनें दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को काफी कम दामों पर बेच दीं, जो उस क्षेत्र में प्रचलित सर्किल रेट से काफी नीचे थीं।
जांच में आगे यह तथ्य सामने आया कि ये जो जमीनें दीप्ति रावत ने खरीदी थीं उन पर अब दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस नाम से शिक्षण संस्थान संचालित किया जा रहा है। इसे श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत चलाया जा रहा है और यह हरक सिंह रावत के परिवार और उनके नजदीकी लोगों के नियंत्रण में है। गौरतलब है कि जनवरी 2025 में प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग 101 बीघा जमीन को 6.56 करोड़ रुपये (जबकि वर्तमान बाजार मूल्य 70 करोड़ रुपये से अधिक है) की कीमत पर प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश के तहत अटैच किया था।