कलयुग के कालनेमि पकड़ने में जुटी पुलिस कांवड़ यात्रा के बीच बाबाओं पर आया CM पुष्कर सिंह धामी का आदेश


खबर एक नज़र: देश में कांवड़ यात्रा चल रही है इस दौरान उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा है आए जाने आखिर यह ऑपरेशन क्या है और इसमें बाबाओं को क्यों पकड़ा जा रहा

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ऑपरेशन कालनेमि लॉन्च किया है, जो धार्मिक आस्था की आड़ में ठगी और अपराध करने वालों के खिलाफ चल रहा है. यह अभियान कांवड़ यात्रा से पहले शुरू किया गया है, जिसमें छद्म वेश धारी असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जाएगी. ऑपरेशन कालनेमि का उद्देश्य धार्मिक आस्था की आड़ में ठगी और अपराध करने वालों को पकड़ना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना है. यह अभियान उन लोगों के खिलाफ होगा जो साधु-संतों के वेश में भोले-भाले नागरिकों और खासकर महिलाओं को ठगने का काम कर रहे हैं.

हरिद्वार पुलिस ने लिया सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शुरू हुए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ में हरिद्वार पुलिस अभियान चला रही है. शहर से लेकर देहात तक पुलिस धार्मिक चोला ओढ़ने वाले ठगों और ढोंगी बाबाओं को पकड़ा जा रहा है. दो दिनों में हरिद्वार पुलिस ने 50 से ज्यादा ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार कर लिया है. इन ढोंगियों में गंगा घाटों पर भगवा चोला पहनकर घूमने वाले बाबा, सपेरे, तांत्रिक और कलियर शरीफ में आस्था के नाम पर लोगों को ठगने वाले बाबा शामिल हैं.

अन्य धर्मां से वास्ता रखने वाले धराए
हरिद्वार पुलिस के ऑपरेशन कालनेमि से ढोंगी बाबाओं में हड़कंप मचा हुआ है. पकड़े गए बाबाओं में ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों के हैं. इतना ही नहीं कई बाबा तो दूसरे धर्मों को मानने वाले हैं. अभियान को लेकर हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने कहा है कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.

 

क्यों जरूरी है ऑपरेशन कालनेमि?
उत्तराखंड में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों को ठगने का कार्य कर रहे हैं. इससे न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. कांवड़ यात्रा के दौरान छदम नामों से होटल, ढाबे चला रहे लोग भी इसकी जद में होंगे.

 

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