उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के दौरान कथित अनियमितिताओं का आरोप लगाते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया अब इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टिप्पणी की है,
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की मंगलवार को हंगामेदार शुरुआत हुई, जहां पूरा प्रश्नकाल प्रदेश में पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़े मुख्य विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के शोर-शराबे की भेंट चढ़ गया. नारेबाजी और हंगामे के बीच कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा सचिव की मेज तक पलट दी, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी और प्रश्नकाल नहीं हो सका.
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने प्रश्नकाल स्थगित कर हाल में संपन्न पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 310 के तहत तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की. विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया और नारेबाजी करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के आसन के सामने आ गए. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया.
कांग्रेस के आरोपों पर सीएम धामी ने क्या कहा?
कांग्रेस के हंगामे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज जो भी सदन में हुआ वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मानसून के समय में आपदा के समय यह विचार हुआ कि सदन गैरसेण में चले. यह हमारी एक संभावनाओं, भावनाओं का केंद्र है. सभी लोग बहुत मुश्किल से तमाम जगह पर सड़कें भी टूटी हुई थी, उसके बावजूद भी यहां पहुंचे हैं. पूरा सदन यहां पर आहूत किया गया है. सदन में बहस होनी चाहिए थी. जो जनता के मुद्दे हैं उन पर बात होनी चाहिए थी. लेकिन विपक्ष ने जिस प्रकार से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए वह कानून व्यवस्था पर चर्चा करने की बात कर रहे थे और उन्होंने कानून व्यवस्था खुद ही अंदर तोड़ दी. आज पूरा प्रदेश देख रहा है कि किस प्रकार का कृत्य यहां पर पहली बार इस सदन के अंदर हुआ है. हम तो सदन चलाना चाहते थे.
सीएम ने कहा कि पंचायत चुनाव में भारी जीत भारतीय जनता पार्टी की हुई है. उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने पंचायत चुनाव हो, लोकसभा का चुनाव हो, विधानसभा का चुनाव हो, नगर निकाय के चुनाव हो या अभी हुए त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव, उसमें जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी को सभी क्षेत्रों की विकास की जिम्मेदारी सौंपी है उससे विपक्ष का हताश होना निराश होना स्वाभाविक है. उनकी हताशा और निराशा इतने महत्वपूर्ण सत्र में जिस प्रकार से दिखाई दी वो जनता देख रही है.
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पंचायत चुनाव में कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे अनियमितिताओं के आरोप पर सीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश के अंदर निष्पक्ष चुनाव हुए हैं. कानून व्यवस्था की स्थिति जहां पर एक आध जगह पर आई है, उसके लिए हम कारवाई कर रहे हैं. प्रशासन कारवाई कर रहा है. सरकार कारवाई के लिए उस पर कहा है. पूरे राज्य के अंदर निष्पक्ष चुनाव हुए. उसका परिणाम है देहरादून में जहां वह (कांग्रेस) जीत गए वहां कोई गड़बड़ी नहीं हुई. बाजपुर में जो यशपाल आर्य का विधानसभा क्षेत्र है. वहां ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीत गए. वहां कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
डटे रहे विपक्षी सदस्य
बता दें आसन से निर्देश के बाद भी विपक्षी सदस्य आसन के सामने डटे रहे और नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही तीस मिनट के लिए स्थगित कर दी. सदन के स्थगित होने के बाद आर्य की अगुवाई में विपक्षी सदस्य आसन के निकट बैठ गए और नारेबाजी करते रहे.
सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग दोहराते हुए फिर से हंगामा शुरू कर दिया और विधानसभा सचिव की मेज पलट दी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पुनः कार्यवाही स्थगित कर दी. हंगामे के कारण कुल चार बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.