देहरादून (खबर एक नज़र) : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी 10 करोड़ तक के सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाए
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र का संज्ञान लेते हुए जिला पंचायतराज अधिकारी, टिहरी गढ़वाल के आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. इसके साथ ही सीएम धामी ने इस मामले की पूरी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए हैं.
बता दें कि इस पत्र में स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के मकानों पर मकान नम्बर प्लेट लगाने का कार्य एक बाहरी व्यक्ति को देने की बात कही गई थी. मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी 10 करोड़ तक के सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाए. प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि सभी योजनाएं और कार्यक्रम जनहित, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लागू हों.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार आमजन के कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए पूरी तरह समर्पित है. मुख्यमंत्री धामी ने पुनः स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार आमजन के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है और सभी विकास कार्य स्थानीय लोगों के रोजगार और हित को ध्यान में रखकर किए जाएंगे.
बता दें कि यह पूरा मामला तब चर्चा में आया जब सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो गया, जिसमें डीपीआरओ ने स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों के लिए बाहरी एजेंसी या व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपने का सुझाव दिया था. इस पत्र में कहा गया था कि स्वच्छ भारत मिशन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान, शौचालय निर्माण और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्यों को बाहरी विशेषज्ञों से करवाया जाए.
वहीं स्थानीय लोगों ने इसे नकारते हुए विरोध जताया, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर छिन सकते थे. वहीं अब डीपीआरओ के आदेश को रद्द करते हुए सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि स्वच्छ भारत मिशन जैसे सरकारी कार्यों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी.