कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पर्वतीय जनता के प्रतीक की गई टिप्पणी से नाराज हुई जनता मंत्री के ऋषिकेश स्थित कैंप कार्यालय पर पहुंच कर नारेबाजी करते हुए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पुतले जलाए जनता ने इसी दौरान मंत्री के इस्तीफा देने की मांग रखी
यह पूरा विवाद 21 फरवरी को शुरू हुआ जब उत्तराखंड विधानसभा में बजट पर चर्चा चल रही थी वही बीच कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि सरकार पहाड़ियों जिलों पर सौतेला पन कर रही है
बद्रीनाथ के विधायक लखपत सिंह बुटोला का कहना है कि 27 विधायक भाजपा के वहां पर मौजूद थे लेकिन सब चुप चाप बैठे थे सब गाली सुन रहे थे पर किसी की हिम्मत नहीं हुई कुछ कहने की की पहाड़ को क्यों गाली दी जा रही है
इसी के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश चंद मास्टर ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा देने की मांग रखी प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि उनके भाव बिल्कुल गलत नहीं थे जिस तरीके से प्रेमचंद अग्रवाल ने अभद्र शब्द कहते हुए कहा की उत्तराखंड क्या उत्तराखंड वालों का ही है
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल को माफी मांगनी चाहिए गलती किसी से भी हो जाती है अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए इसी के दौरान उत्तराखंड के लोगों ने 2 मार्च 2025 को प्रेमचंद अग्रवाल की शव यात्रा समारोह की बात की और पूरे भारत में उत्तराखंड के लोगों ने प्रेमचंद अग्रवाल के जलाए पुतले