खबर एक नजर: राज्य में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग जुलाई में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
पूर्व न्यायाधीश बीएस वर्मा की अध्यक्षता वाले एक सदस्यीय आयोग की ओर से ग्रामीण स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण की सिफारिश फरवरी माह में प्रस्तुत की गई है। जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायतों में सीटों का आरक्षण और आवंटन जून में प्रकाशित किया जाएगा।
हाई कोर्ट में पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार यादव की ओर से 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में पंचायत चुनाव के संबंध में 18 पेज का शपथपत्र दाखिल किया गया है। जिसके आधार पर राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो गयी है।
शपथपत्र में कहा है कि राज्य के जिला क्षेत्र व ग्राम पंचायत में प्रशासक की नियुक्ति से पंचायती राज एक्ट के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं हुआ है सरकार का कहना है कि राज्य में पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने से पहले सीटों के आरक्षण और आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी जिसके कारण चुनाव निर्धारित समय में नहीं हो पाए
गौरतलब है कि पूर्व प्रधान विजय तिवारी सहित अन्य ने अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर कर अपनी निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने का विरोध किया है और सरकार को तत्काल चुनाव कराने का आदेश देने की मांग की है
सरकार ने कोर्ट को बताया है कि तृतीय त्रिस्तरीय पंचायत में ओबीसी के आरक्षण के लिए एक कारण सदस्य आयोग की सिफारिश से भी लंबित है इसलिए इस असाधारण परिस्थिति के कारण चुनाव नहीं कराए जा सके सचिव यादव ने याचिकाकर्ता की दलीलों को खारिज करते हुए हल्पनामें मैं कहां पक्षपात को बढ़ावा देने और चुनाव प्रक्रिया की तटस्थता और निष्पक्षता से समझौता करने संबंधी सामग्री गलत झूठी है
दोहराया की उत्तराखंड पंचायती राज्य अधिनियम 2016 में पूर्व अध्यक्ष पूर्व ब्लाक प्रमुख पूर्व ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने पर कोई रोक नहीं है प्रशंसकों को 6 महीने के लिए दैनिक कामकाज के लिए नियुक्त किया गया था ना की कोई नीतिगत निर्णय लेने के लिए
गौरततलब है की याचिकाकृताओं ने जनहित याचिकाओं में कहा है कि समय पर चुनाव कराने के बजाय सरकार ने नि वर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त कर दिया और उन्हें वित्तीय अधिकार दे दिए जिससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है
पंचायती राज सचिव ने हाईकोर्ट ने दियाशपथ पत्र फाइल